झुन्झुनू जिले की महिला ने अपनी 2 महीने की बच्ची को मारने की कोशिश की, माँ ने ही अपनी 2 माह की बेटी को गर्दन मोड़कर मारने की नाकाम कोशिश कर डाली, राजस्थान के झुंझुनू जिले की महिला अपनी दो महीने की बेटी को हरियाणा के अस्पताल में दिखने के लिए गई थी,
कहते हैं मां भगवान का दूसरा रूप होती है। चाहे कुछ भी हो जाए एक मां अपने बच्चों से मुंह नहीं मोड सकती। एक मां के लिए उसके बच्चे जान से भी प्यारे होते हैं। लेकिन हमारे समाज में लड़कियों को हमेशा से ही बोझ समझा जाता है। इसी सोच को लेकर एक मां की अपनी छोटी बच्ची के प्रति ममता भी फीकी पड़ गई। आप जरा कल्पना कीजिए कि क्या होगा अगर एक मां अपनी 2 महीने की छोटी बच्ची को ही मारने की कोशिश करें।
झुंझुनू जिले में एक मां ने अपनी बीमार बच्ची को इतनी बुरी तरह से मारने की कोशिश की। जिसे देखकर सभी के रोंगटे खड़े हो जाएंगे। कैसे एक मां ने खुद अपनी बच्ची को मारने की कोशिश की? कहां हुई यह पूरी घटना क्या है फुल डिटेल? यह सब हम आपको इस लेख के माध्यम से डिटेल में बताने वाले हैं। पूरी जानकारी के लिए हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें ।
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राजस्थान के झुंझुनू की थी मां और बेटी
यह घटना हरियाणा के हस्पताल में हुई। दरअसल एक 2 महीने की बच्ची बीमार थी। जिसका इलाज कराने के लिए उसकी मां, उसके ताऊजी और उसकी दादी जी नारनौल हरियाणा के एक अस्पताल में लेकर आए थे। 2 महीने की बच्ची और उसके घर वाले राजस्थान राज्य के झुंझुनू जिले के सिंघाना गांव से ताल्लुक रखते हैं। दरअसल यह लड़की काफी दिनों से बीमार थी। इसीलिए इनके घर वालों ने इनको हॉस्पिटल में एडमिट कराया था।
इसकी तबीयत में दिन प्रतिदिन काफी सुधार आता जा रहा था। बताया जा रहा है कि 3 दिन तक डॉक्टर ने बच्ची को स्पेशल वार्ड में रखकर इलाज कराया। बच्ची ठीक होने लगी थी। तभी बच्ची को दूध पिलाने के लिए डॉक्टर ने उसकी मां को बोला। लेकिन फिर उसकी मां ने बेटी के साथ जो किया वह सच में दिल दहला देने वाला था।
दूध पिलाने के बहाने देने वाली थी घटना को अंजाम
दरअसल आपको बता दें जैसे ही डॉक्टर ने उन को दूध पिलाने के लिए दिया, डॉक्टर तो वहां से चले गए। लेकिन मां ने बच्ची पर हाथों से प्रहार करना शुरू कर दिया। ऐसा बताया गया है कि पहले तो उसकी मां ने उस बच्ची का गला घोट कर मारने की कोशिश की। यहीं तक नहीं इसके बाद उसकी मां ने जो किया वह तो सभी को हैरान कर देने वाला था। इसके बाद मां ने 2 महीने की छोटी बच्ची की गर्दन मरोड़ कर मारने की कोशिश की। लेकिन इतने में ही वहां पर डॉक्टर पहुंच गए। डॉक्टर को कुछ शक हुआ, तो वह उनसे सवाल करने लगे ।
लेकिन उन्होंने बोला कि वह सिर्फ दूध ही पिला रही थी। इसके बाद उस बच्चे की हालत देखी गई तो उसकी हालत बेहद खराब हो चुकी थी। 9 सितंबर के रात को स्टाफ ने फोन करके डॉक्टर को बताया कि बच्चे की धड़कन भी कम हो चुकी है। जिसके बाद अचानक से 2 महीने की पीड़ित छोटी बच्ची को प्राथमिक उपचार देकर हायर सेंटर में रेफर कर दिया गया। इसके बाद जब डॉक्टर को शक हुआ कि अचानक से इस लड़की की हालत इतनी खराब क्यों हो गई, तो उन्होंने सीसीटीवी के फुटेज देखे। उसके बाद तो डॉक्टर का पूरा स्टाफ भी दंग रह गया ।
CCTV के फुटेज देखकर दंग रह गया हॉस्पिटल का पूरा स्टाफ
दरअसल जब सभी डॉक्टर ने सीसीटीवी के फुटेज देखे तो उन सभी के होश उड़ गए थे। सीसीटीवी के फुटेज में वह मां अपनी ही बच्ची का गला दबाती हुई दिखाई दी। यही तक नहीं उसके बाद उसकी मां ने उसकी गर्दन मरोड़कर भी मारने की कोशिश की। सीसीटीवी फुटेज को देखकर डॉक्टर ने बिल्कुल भी रिस्क नहीं लिया। रितेश यादव नाम के एक डॉक्टर ने तुरंत पुलिस को इसकी इंफॉर्मेशन दी। सूचना मिलते ही पुलिस और उनके कुछ अधिकारी अस्पताल पहुंचे और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर शनिवार को केस दर्ज करके उस महिला को गिरफ्तार कर लिया।
डॉक्टर ने इस बात की जानकारी अस्पताल में मौजूद उसके ताऊजी और उसके दादी जी को भी दी थी। दरअसल इस बच्चे के पिता एक प्राइवेट नौकरी करते हैं। जिसके कारण वे वहां पर उपस्थित नहीं थे। इसके ताऊ जी और दादी जी ही मौके पर थे। इस घटना को सुनकर वह भी दंग रह गए थे। आखिर एक मां ऐसा कैसे कर सकती है। लेकिन बच्ची के परिवार वालों के लिए थोड़ी अच्छी बात यह थी, कि अब उनकी 2 महीने की बच्ची दूसरे हॉस्पिटल में रेफर कर देने के बाद ठीक होने लग रही है।
मां के खिलाफ की जा रही है सख्त कार्यवाही
इस माह की बच्ची के खिलाफ अब सख्त कार्यवाही की जा रही है और इनको धारा 407 के तहत किसी की हत्या करने की कोशिश के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया गया है। पीड़ित बच्ची के परिजनों का भी यही कहना है, कि इसकी मां को सख्त से सख्त सजा दी जाए ताकि भविष्य में कोई मां अपनी बच्ची के साथ ऐसा करने से पहले सौ बार सोचे और होना भी ऐसा ही चाहिए।
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- क्योंकि 2 महीने की छोटी बच्ची के साथ कोई ऐसा क्या कर सकता है । इस छोटी बच्ची ने तो अभी तक इस दुनिया में अपना कदम भी नहीं रखा है। उसको तो क्या ही पता होगा। उस छोटी बच्ची का क्या कसूर था। जिसके साथ उसकी मां ने इतना बुरा व्यवहार किया और मारने तक की भी कोशिश की।
- दरअसल यह सभी हमारे समाज में व्याप्त बुराइयों और बेटी के प्रति सोच के कारण हुआ है। क्योंकि हमारे देश में बेटियों को शुरुआत से ही बोझ समझा जाता है। लोग सोचते हैं कि बेटी है तो इसकी शादी करने के लिए खर्चा करना पड़ेगा। इसको दहेज देना पड़ेगा साथ ही साथ इसकी पढ़ाई लिखाई में भी फालतू का खर्चा करना पड़ेगा।
- लेकिन यह सोच गलत है इस सोच को केवल वही लोग मानते हैं, जो कि अशिक्षित हैं जो बेटा और बेटी को एक समान नहीं समझते। हमारे देश में बेटी के प्रति यह सोच खत्म होनी चाहिए। क्योंकि बेटी भी बेटों की तरह ही होती है उनको भी हमारे देश में शान से जीने का पूरा हक है।